--- इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 3रात का समय था। गाँव से कुछ दूर एक जर्जर हो चुका पुराना कारख़ाना खड़ा था। वहीं तेरह शिकारी अपनी ज़िंदगी की सबसे भयावह रात गुज़ार रहे थे। दो साथी पहले ही मौत का शिकार हो चुके थे। अब हर किसी की आँखों में डर और दिल में धड़कनें तेज़ थीं।सरदार ने मेज़ पर हाथ पटकते हुए कहा –“सुनो सब! डरने से कुछ नहीं होगा। मौत से भागकर कोई नहीं बच सकता। हमने शिकार किया है, तो हमें पता है कि जंगल के नियम क्या होते हैं। वो चाहे इच्छाधारी शेरनी ही क्यों