अध्याय 1: पहली सुबहअमला गाँव की घाटी में सूरज की सुनहरी किरणें गिर रही थीं।बेंच पर रेशु पहले से ही बैठी थी, हाथ में कॉफी का कप।आर्या धीरे-धीरे वहाँ पहुँचे, हाथ में ताज़ा कॉफी।“तुम फिर से सबसे पहले?” रेशु मुस्कुराई।आर्या ने हँसते हुए कहा, “तुम्हारी मुस्कान देखने के लिए कोई देर नहीं होती।”बोल्ट शरारती अंदाज़ में दौड़ा और caretaker उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे।“देखो, हमारा छोटा परिवार सुबह से ही मस्ती में है,” रेशु ने कहा।आर्या ने मुस्कुराते हुए कहा, “और यही जादू है। छोटे-छोटे पल, बड़ी खुशियाँ।”---अध्याय 2: गाँव की हलचलनीचे गाँव में हलचल बढ़ रही थी।अशु