डायरी - 10 अगस्त 2025 * सबसे हिल मिल चालिए * कभी किसी प्रसंग में किसी ने मुझसे कहा था जीवन में कुछ बातें,कुछ स्थितियां ऐसी होती है जिन पर किसी का वश नहीं होता हैं;उन्हें होना होता है,तो होती ही हैं,जीवन में जो घटित होना होता है,वह घटित होता ही है,आप कुछ कर नहीं सकते। लेखक का मत है कि यह विचार भले ही भाग्यवादी लगें पर यह प्रेरक तो होते ही हैं।लेखक ने संत कबीर, तुलसीदास और रहीम के संदर्भ देते हुए यह स्थापित किया है कि सबकी भलाई सोचते हुए सबसे हिल मिल कर चलने में ही जीवन की सार्थकता है।