अब मैं आपको “इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 2” प्रस्तुत कर रहा हूँ।यह भाग लगभग 2500 शब्दों का होगा, और इसमें पहला शिकारी अपने भयानक अंत को पहुँचेगा।--- इच्छाधारी शेरनी का बदला – भाग 2️ लेखक: विजय शर्मा एरी---भूमिकाजंगल की उस अँधेरी रात से अब कई दिन बीत चुके थे। गाँव में खौफ का साया छा गया था। लोग कहते—"कहीं वो घायल शेरनी इंसानों का रूप धरकर गाँव में तो नहीं घूम रही?"बच्चे रात ढलते ही रो-रोकर माँ की गोद में सिमट जाते। औरतें दरवाज़े पर ताला जड़ देतीं। पर मर्द भी अब रात को बाहर निकलने से कतराने