डायरी - 07अक्टूबर 25 * ओना मासी धम्म * यह सर्वमान्य सत्य है कि ढलती अवस्था में स्मृतियां अपेक्षाकृत काफी धुंधली होने लगती हैं पर यह भी सत्य है कि इस अवस्था में स्मृतियां मानस पटल पर उभरती, डूबती तो अवश्य ही रहती हैं।कड़वी यादें दुखद तो मीठी यादें सुखद लगती हैं। 'ओना मासी धम्म' वास्तव में 'ॐ नमः सिद्धम' का ही रूप है।इस लेख में स्मृति के माध्यम से सिद्धों के पूर्ववर्ती और पश्चातवर्ती विभिन्न संप्रदायों की चर्चा करते हुए बुंदेलखंड के एक विशेष क्षेत्र में सिद्धों के प्रभाव का अनुसंधान है।