Chapter 2 – Shadows of the Oberoisदिल्ली की सुबह हमेशा की तरह व्यस्त थी। ट्रैफिक की आवाज़ें, हॉर्न का शोर, हवा में धूल और भागती-दौड़ती ज़िंदगियाँ। लेकिन उसी भीड़ में एक ऐसा चेहरा था, जिसे देखकर कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता था कि वो किस दुनिया से आया है। विवान ओबेरॉय। साधारण सफेद शर्ट, जींस, और आँखों पर हल्की थकान लिए वो यूनिवर्सिटी की ओर बढ़ रहा था। उसके आसपास दर्जनों लड़के-लड़कियाँ बातें कर रहे थे, हँस रहे थे, लेकिन विवान… हमेशा की तरह अकेला, चुपचाप और एकदम शांत।क्लास में बैठते हुए भी कोई उसकी ओर ध्यान नहीं देता था।