राहुल कुछ दर पहले हि एक क़त्ल करने के बाद् किसी के इंतजार मे बस फ्रेश होके बैठा ही था की...........दरवाजे पर दस्तक हुई....।।।राहुल ने अपनी गहरी, खतरनाक आँखें उठाईं। ये दस्तक उस सौदे की थी, जिसे वो हमेशा बेरहम दिल से निभाता आया था। लेकिन जैसे ही दरवाज़ा खुला और उसने सामने खड़ी औरत को देखा—उसकी साँस आधे पल के लिए रुक गई।वो… यही सोसाइटी की औरत थी। एक शादीशुदा चेहरा, जिसे अक्सर उसने बच्चों के साथ पार्क में या किराने की दुकान पर जाते देखा था। बाहर सबकी नज़रों में एक सभ्य, शांत और सुसंस्कारी पत्नी। लेक