बहुत समय पहले, त्रेता युग में जब अयोध्या में भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ, तो पूरी धरती पर सुख-शांति का युग छा गया। प्रजा खुशहाल थी, ऋषि-मुनि अपने आश्रमों में साधना कर रहे थे और वन्य जीव भी सुरक्षित जीवन जी रहे थे।लेकिन हिमालय की गोद में बसे कुछ आश्रमों में एक संकट उठ खड़ा हुआ। वहाँ राक्षसों का आतंक बढ़ने लगा था। वे ऋषियों की तपस्या भंग करते, यज्ञ नष्ट करते और यात्रियों को सताते। ऋषियों की पुकारहिमालय की गुफाओं में बैठे महान ऋषियों ने यह देखकर भगवान राम को याद किया। वे अयोध्या पहुँचे और बोले –“राम! तुम