बचपन की यादें – गाँव के दिन

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आज जब मैं अपने जीवन को पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो सबसे खूबसूरत और मासूम तस्वीरें वही हैं जो मेरे बचपन की यादों में बसी हुई हैं। वो दिन जब हम छोटे-छोटे थे, न कोई बड़ी चिंता, न कोई बोझ, बस खेल, कूद, मस्ती और दोस्ती से भरा हुआ संसार। गाँव की मिट्टी, खेतों की खुशबू, पगडंडियों पर दौड़ते कदम, और गर्मियों की छुट्टियों में झूले झूलने की खनकती हंसी – ये सब कुछ आज भी मेरी आँखों के सामने किसी चलचित्र की तरह घूम जाता है।गाँव का जीवन बहुत सादा था। सुबह सूरज की पहली किरण के साथ मुर्गे