आत्मनिर्भर : एक व्यंग्यदेश में आत्मनिर्भरता की हवा चल रही है। कोई कह रहा है अपने पैर पर खड़े हो जाओ, कोई कह रहा है ‘घर की मुर्गी दाल बराबर’ मत समझो और कोई बता रहा है कि अब विदेशी चीज़ों का मोह त्यागकर स्वदेशी अपनाओ।लेकिन इस सबके बीच, आत्मनिर्भरता का सबसे मजेदार नमूना वे लोग हैं जो दिन-रात आत्मनिर्भरता का मजाक उड़ाने में ही आत्मनिर्भर हैं।ये वही लोग हैं जिनकी सुबह माँ के हाथ की चाय से होती है और रात सरकारी टीवी पर मुफ्त की बहस देखकर ख़त्म होती है।जिन्हें नौकरी नहीं करनी क्योंकि पापा की पेंशन है,जिन्हें