ललित - The Master of Thikri - 3

  • 843
  • 366

          ललित को जैसे ही ख्याल आया कि गाड़ी में जो बैग भरे जा रहे हैं, उनकी गिनती कौन कर रहा होगा, उसका दिल बेचैन हो उठा। सोनू भाऊ की कड़ी डांट उसे अब भी याद थी। अगर बैग्स की गिनती में ज़रा भी गड़बड़ हुई, तो फिर एक और शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी। बिना देर किए वह तेज़ी से गाड़ी की तरफ दौड़ा और पास खड़ा होकर बैग्स की गिनती करने लगा।          "एक... दो... तीन... चार..." वह खुद को सुनाने के लिए ज़ोर से बोलने लगा, ताकि कोई चूक न हो। लेकिन गिनती गड़बड़ा रही थी। कोई हमाल उसके गिनने