[10]प्रात: होते ही सारा खुली हवा में कुछ समय तक घूमने चली गई। प्रभात की वेला में उसे भारत की हवा में अधिक प्रसन्नता का अनुभव होने लगा। ‘कितनी शांति है यहाँ? कितना सुकून है यहाँ! यहाँ की सवार में कुछ तो है। जो मेरे देश की हवा से भिन्न है। क्या है?’‘सूरज अभी अभी निकला है। किन्तु सूरज निकलने से आज मुझे चिंता क्यों नहीं हो रही? क्यों मन इतना शांत है? यदि इस समय पाकिस्तान में होती तो?’ ‘तो मन में आशंका रहती कि आज फिर कौन सी नई बात पर मुझे मेरे वरीशठों द्वारा प्रताड़ित किया जाएगा। मैं उससे कैसे