अजीब ख़ामोशी

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शहर के बीचोंबीच खड़ा वह पुराना हवेलीनुमा मकान हमेशा लोगों के लिए रहस्य बना रहा था। उसकी टूटी हुई खिड़कियाँ और जंग लगे गेट देखने वालों को भीतर झाँकने का मन तो करातीं, पर एक अनजाना डर हर बार रोक देता। लोग कहते थे, उस मकान में कोई नहीं रहता, फिर भी रात के सन्नाटे में वहाँ से अजीब आवाज़ें आती हैं।रवि, जो हाल ही में पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी करके लौटा था, ऐसी कहानियों पर यकीन नहीं करता था। उसके लिए ये सब अंधविश्वास था। उसने तय किया कि वह इस हवेली के रहस्य को उजागर करेगा। एक कैमरा