“टुकटुक की शादी मैं ने तय कर दी है,” बेटी को मेरी पूर्वपत्नी टुकटुक कहती, “शादी इसी चौबीस जुलाई को होगी। और रिसेप्शन पच्चीस को…..” “शादी से पहले मैं लड़के को देखना चाहूंगा,” मैं ने आग्रह किया, “तुम बताओ कौन से होटल में चाय का आयोजन रखूं?” “सब कुछ तय हो चुका है,” मेरी पूर्वपत्नी ने मुझे टाल दिया, “अब लड़के से शादी के समय ही मिलना।” “बेबू को फ़ोन दो,” मैं अपनी पूर्वपत्नी से बहस नहीं करता। बेटी मेरे लिए हमेशा ‘बेबू’’ ही रहती रही थी। “हाय,पपा,” बेटी फ़ौरन फ़ोन पर आ गई। “लड़का ठीक है?” मैं ने पूछा।