गरीबी को हराने के बाद हर परिवार चाहता है कि उसके सदस्य एक अच्छी जिंदगी जिएं। परिवार का मुखिया वह सब जद्दोजहद करता है ताकि उसके बच्चे अच्छी शिक्षा, अच्छा भोजन और जीवन की हर वह सुविधा पा सकें, जिसके वे हकदार हैं।ऐसी ही एक कहानी मैं अपने परिवार की बताने जा रहा हूं, जिसका एक हिस्सा मैं भी हूं। जरूरी नहीं कि परिवार का मुखिया हमेशा पुरुष ही हो, मेरी इस कहानी की मुख्य किरदार मेरी दादी मां हैं।यह कहानी उस समय की है जब गांव-कस्बों की महिलाएं रोज़गार के लिए बाहर नहीं जाती थीं। उस दौर में कमाई