सरफराज एक छोटे से गाँव का लड़का था। उसका गाँव हरे-भरे खेतों और संकरी गलियों से घिरा हुआ था। सुबह-सुबह सूरज की पहली किरणें खेतों पर पड़तीं, और सरफराज अपने पिता के साथ खेतों में काम में हाथ बँटाता। बचपन से ही वह अलग था—उसकी आँखों में एक चमक थी, जैसे वह केवल अपने गाँव की सीमाओं तक ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने तक पहुँचने का सपना देखता हो।सरफराज के परिवार के पास ज्यादा संसाधन नहीं थे। उसके पिता छोटे किसान थे और मां घर संभालती। पढ़ाई के लिए सिर्फ सरकारी स्कूल था, जहाँ किताबें और शिक्षण की