मुझे तेरी जरूरत है.....

रात के सन्नाटे में खिड़की के पास बैठा, मैं आसमान में टिमटिमाते तारों को देख रहा था। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन मेरे अंदर जो खालीपन था, वो किसी तूफ़ान से भी बड़ा था। ये अजीब है न, ज़िंदगी में सब कुछ होते हुए भी इंसान को ऐसा लगता है कि उसके पास कुछ भी नहीं है। मेरे पास भी सब कुछ था—घर, परिवार, दोस्त, नौकरी—लेकिन आपके बिना सब कुछ अधूरा था।कितनी बार सोचा था कि आपसे बातें नहीं करूँगा, आपको याद नहीं करूँगा, आपका नाम अपनी ज़ुबान पर नहीं लाऊँगा। लेकिन जितना खुद से भागता, उतना ही आपकी