रोते हुए साए--- Introduction ज़िन्दगी की राहों पर चलने वाला हर इंसान अपने साथ कुछ साए लिए घूमता है।कभी यह साए उसके बचपन की अधूरी हँसी होते हैं, कभी जवानी के टूटे सपनों के, और कभी रिश्तों की चुप्पियों के।ये साए बोलते नहीं, मगर उनका बोझ दिल को रुला देता है।यह किताब उन्हीं सायों की दास्तान है—कुछ मेरी, कुछ आपकी, और कुछ उन सबकी, जो इस दुनिया में मुस्कान के पीछे अपने आँसुओं को छुपाए फिरते हैं।“रोते हुए साए” कोई सीधी-सादी कहानी नहीं है।यह भावनाओं का संगम है—कभी दर्द, कभी मोहब्बत, कभी उम्मीद और कभी हकीकत।यह किताब आपको अपने अंदर झाँकने