दो रानियाँ, एक किस्मत सन् 1533 की एक गर्मियों की सुबह इंग्लैंड के राजमहल में एक कन्या का जन्म हुआ। यह थी एलिज़ाबेथ, राजा हेनरी अष्टम और ऐन बोलिन की संतान। जन्म लेते ही उसके जीवन पर एक साया था—पिता की नज़र में पुत्र का जन्म न होना एक निराशा थी और माँ का राजनीतिक शत्रुओं से घिरा होना उसकी किस्मत को असुरक्षित बना गया। कुछ ही साल बाद, 1542 में, स्कॉटलैंड की धरती पर एक और कन्या ने जन्म लिया। यह थी मैरी, स्कॉटलैंड की महारानी। उसका जन्म ही एक रानी के रूप में हुआ था। लेकिन रानी होना