अमीर बाप का औलाद

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पहला भाग – शुरुआतदिल्ली के एक पॉश इलाके में विशाल कोठी में रहने वाला अर्जुन मल्होत्रा सिर्फ़ 22 साल का था। उसका बाप राकेश मल्होत्रा शहर के सबसे बड़े बिज़नेसमैन में से एक था। पैसों की कोई कमी नहीं थी।अर्जुन की ज़िंदगी तीन चीज़ों में ही सिमट चुकी थी —गाड़ियाँ, पार्टियाँ और फ़िज़ूलखर्ची।राकेश मल्होत्रा अपने बेटे से बहुत प्यार करता था, लेकिन एक पिता की तरह चाहता था कि बेटा पढ़ाई करे, मेहनत सीखे, अपने पैरों पर खड़ा हो। मगर अर्जुन को लगता था —"जब पापा के पास इतना पैसा है, तो मेहनत करने की क्या ज़रूरत है?"दूसरा भाग –