दोस्ती का असली मतलब

  • 114

दोस्ती का असली मतलबराहुल और आरव बचपन से ही सबसे अच्छे दोस्त थे। उनके मोहल्ले में जब भी कोई उनकी जोड़ी को देखता तो कहता, इनकी दोस्ती की मिसाल दी जा सकती है। दोनों का रिश्ता इतना गहरा था कि उनकी खुशियाँ, ग़म, सपने—सब कुछ एक-दूसरे से जुड़ा हुआ था।राहुल पढ़ाई में होशियार था। स्कूल में हमेशा टॉपर रहता। उसकी आदत थी कि हर काम समय से करे। वहीं आरव थोड़ा बेपरवाह था। उसे खेलकूद का शौक था, ख़ासकर क्रिकेट। वह घंटों मैदान में रहता। कई बार राहुल उसे पढ़ाई के लिए डांटता, तो आरव हंसकर कहता, अरे यार, किताबों में