सनातन धर्म - परिभाषा, प्रमाण और मूल सूत्र

  • 54

  सनातन धर्म परिभाषा, प्रमाण और मूल सूत्र    Agyat Agyani  प्रस्तावना  आजकल हर कोई स्वयं को 'सनातनी' कहता है।पर क्या यह केवल एक पहचान है?क्या यह केवल हिंदू धर्म का दूसरा नाम है?नहीं। 'सनातन' एक शब्द मात्र नहीं  — यह शाश्वत सत्य का प्रतीक है।सनातन धर्म कोई मत, पंथ, संप्रदाय, संस्था या जाति का लेबल नहीं है। यह जीवन का वह अनादि –अनंत धर्म है, जो स्वयं सृष्टि की धड़कन में गूंजता है।जो सूर्य की किरणों में है, जो वायु की गति में है, जो जल की तरलता में है, जो अग्नि की ज्वाला में है  — वही सनातन है।शास्त्र कहते हैं :“न हि कश्चित्क्षणमपि जातु