पंखुड़ी परेशान तो नवीन को करना चाहती थी, पर उसके चक्कर में खुद बहुत बड़ी मुस्किल में फाश गई थी। इतनी रात को इस सुनसान से होटल पर जहां सिर्फ लड़के ही लड़के थे, उसके साथ कुछ भी हो सकता था।यही सब सोचकर उसका डर के मारे बहुत बुरा हाल हो रखा था, और ऐसे में किसी ने, पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा। तो वो डर के मारे सूखे पत्ते ही तरफ कांपने लगी थी। फिर उसने हिम्मत करके फॉरन टेबल पर रखे चाकू को हाथ में उठा लिया, और गुस्से से एक दम उस शख्स पर चाकू