Happy Reading -------------------------- लिफ़्ट की हल्की-सी टनटनाहट पूरे कॉरिडोर में गूँज उठी, जैसे ही उसके दरवाज़े खुले। सबसे पहले जय बाहर निकला, उसके हाथ में काव्या का बैग था जिसे वह बड़ी सहजता से थामे हुए था, और काव्या उसके पीछे-पीछे चली आ रही थी। उसके पेंटहाउस तक जाने वाला गलियारा सुनहरी रोशनी से सजा था, जो संगमरमर के चमकदार फ़र्श पर लंबी परछाइयाँ डाल रही थी। दोपहर की ख़ामोशी को सिर्फ़ पीछे से आती लिफ़्ट की हल्की-सी मशीनरी की आवाज़ तोड़ रही थी। काव्या का चेहरा थका-थका सा था, अस्पताल की थकान अब भी उसकी शक्ल पर