उपन्यास : अधूरा सच(रहस्य उपन्यास)अध्याय 1 : अनजान सायामुंबई की रातें कभी सोती नहीं। ऊँची-ऊँची इमारतों की रोशनी में भी कहीं न कहीं अंधेरा छुपा रहता है, और वही अंधेरा सबसे गहरे राज़ छुपाए बैठा होता है।आरव — 26 साल का, इंजीनियरिंग करके अभी-अभी एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने लगा था। साधारण से परिवार का यह लड़का सपनों के शहर में बड़ा मुकाम बनाने आया था। दिनभर ऑफिस की भागदौड़ और रात को हॉस्टल का अकेलापन।दूसरी ओर थी अन्विता। 24 साल की, पत्रकारिता की छात्रा। जिद्दी, जिज्ञासु और सच तक पहुँचने के लिए किसी भी हद तक जाने वाली