छाया प्यार की - 19

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(छाया और नित्या पढ़ाई व रिश्तों की उलझनों में फँसी थीं। छाया ने विशाल के जन्मदिन के लिए बचाए पैसे किताब पर खर्च किए, जिससे उसकी ईमानदारी और त्याग सामने आया। विशाल ने इसे ही अपना गिफ्ट मानकर दिल से स्वीकार किया। गार्डन में छाया के गिरते समय विशाल ने उसे थामा और दोनों की नज़रें टकराईं—दिल की बात बिना कहे भी साफ़ हो गई। उधर नित्या का पीछा करने वाले से इंस्पेक्टर ठाकुर ने उसकी रक्षा की और उसके मासूम स्वभाव ने ठाकुर के मन में पहली बार भावनाएँ जगाईं। पढ़ाई, रिश्ते और दिल की धड़कनों के बीच कहानी