ख्वाबों की उड़ान

"ख्वाबों की उड़ान" ️ प्रस्तावनागाँव छोटा सा था , मिट्टी की खुशबू वाला, पर सपने बहुत बड़े थे ।यह कहानी है संध्या नाम की लड़की की, जिसकी आँखों में आसमान जितने बड़े ख्व़ाब थे ।गरीब परिवार ️, समाज की रुढ़ियाँ ️, ताने और मजबूरियाँ – सब कुछ था… पर हिम्मत भी थी । बचपन के सपनेसंध्या बचपन से ही अलग थी ।जहाँ बाकी लड़कियाँ गुड्डे–गुड़िया से खेलतीं , वह आसमान में उड़ते हवाई जहाज़ ️ देखती और सोचती—"क्या एक दिन मैं भी इन बादलों को चीरते हुए उड़ पाऊँगी? ️️"माँ हमेशा कहती –"बेटा, ये सब सपने