स्वतंत्रता आजादी और श्री कृष्ण

आजादी और श्री कृष्ण --ऐसा विषय जिस पर लिखने के लिए युग अक्षर शब्द कम पड़ जायेंगे बहुत स्पष्ट है कि कर्म को जीवन के यथार्थ को सत्यार्थ धर्म के रूप मे श्री कृष्ण ने स्थापित करते हुए युग सन्देश दिया हैस्वयं के पग पथ से निरुपित किया है!परिणाम अज्ञात शक्ति का निर्णय है जिसे आप ब्राह्मड कि परम् शक्ति सत्ता मान सकते है यह निर्भर करता है आपकी संस्कृति संस्कार आस्था एवं विश्वाश पर जिसका निर्णय निष्काम कर्म समर्पण निष्ठा के सापेक्ष निष्कर्ष पर पर निर्भर करता है!श्री कृष्ण अवधारणा के अस्तित्व का आधार ही था आजादी स्वतंत्रता है