एक अधूरी चिट्ठी

"एक अधूरी चिट्ठी" (सच्चाई के करीब एक कहानी) गाँव की सुबह हमेशा ताज़गी से भरी होती है … हवा में मिट्टी की खुशबू, खेतों में लहराती फसलें , और गली के नुक्कड़ पर बैठा पोस्टमैन ।पर उसी गाँव में रहती थी आरती। एक साधारण-सी लड़की, पर सपनों से भरी हुई । उसके पापा डाक विभाग में काम करते थे। बचपन से ही उसने देखा था कि कैसे एक चिट्ठी किसी के चेहरे पर मुस्कान ला देती है और किसी-किसी को आँसुओं में डुबो देती है । आरती का सपनाआरती हमेशा सोचती थी—"काश! मेरी भी कोई चिट्ठी आए, जो