“खामोश खेत की कहानी” गाँव छोटा था… पर सपने बहुत बड़े थे।गाँव के छोर पर एक पुराना खेत था , जिसके बारे में लोग कहते थे –“यह खेत कभी बोलता था… पर अब खामोश हो गया है।” असल में यह खेत किसी साधारण किसान का नहीं, बल्कि “रामलाल काका” का था।रामलाल काका उम्रदराज़ किसान थे, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी मिट्टी को समर्पित कर दी थी। मेहनत की मिसालसुबह सूरज की पहली किरण ️ खेत पर गिरती और रामलाल काका हल लेकर मिट्टी में उतर जाते।उनकी आँखों में चमक होती –“धरती माँ को सींचो, ये तुम्हें कभी भूखा नहीं सोने