जब श्री गुरु नानक देव जी ने कहा कि आपके घी से बने पदार्थो में रक्त है और कोदरे की रोटी में दूध जैसा अमृत है।उसी वक्त भाई लालो के घर से कोदरे कि रोटी मंगवाई गई और मलिक भागो के उत्तम पकवान एक चांदी के थाल में डालकर आ गये।श्री गुरु नानक देव जी ने एक हाथ में कोदरे की सुखी रोटी और दूसरे हाथ में मलिक भागो का मालपूडा़ पकड़ लिया। फिर सबके सामने उन्होंने अपने दोनों हाथों को दबाया।भाई लालो की रोटी में से दूध निकला और मालपूडे़ में से रक्त की धारा धरती पर गिरीं अब तक