अमन हमेशा से एक सीधा-सादा लड़का था। उसका परिवार बहुत साधारण था, पिता पोस्ट ऑफिस में क्लर्क और माँ घर संभालती थी। घर में ज़्यादा पैसे नहीं थे लेकिन प्यार बहुत था। बचपन से ही अमन पढ़ाई के साथ-साथ अपनी माँ की छोटी-छोटी ज़िम्मेदारियों में मदद करता था। बाकी बच्चे खेलते थे मगर अमन अंदर बैठकर अपनी कॉपी में सपने लिखा करता था। उसे लगता था एक दिन वो कुछ बड़ा करेगा जिससे उसके माता-पिता को गर्व होगा।कॉलेज की पढ़ाई जैसे-जैसे पूरी होने लगी, ज़िन्दगी का असली चेहरा सामने आने लगा। पिता की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इलाज में सारा