जो कहा नहीं गया - 6

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जो कहा नहीं गया – भाग 6(प्रतिध्वनि की पुकार)स्थान: प्रयागसमय: कुछ दिन बादडायरी का अंतिम पेज पर  — सिर्फ़ एक शब्द लिखा था: “प्रयाग”।बस यही संकेत था जो रिया को यहाँ खींच लाया था।संगम नगरी में कदम रखते ही उसकी आत्मा जैसे किसी पुराने मित्र से मिल रही हो। गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन… किनारों पर लहरों का शोर, ऊपर उड़ते चील, और गलियों में गूंजते शंखनाद — सब मिलकर जैसे किसी अदृश्य धड़कन का आह्वान कर रहे थे। रिया को अजीब सी आहटें लग रहीं थीमन को भावुक कर रही थी,ओर बहुत कुछ जानने की उत्सुकता में बेचैन हो