"अगर आप सबको कोई आपत्ति ना हो तो मैं तो कहती हूं कि त्रिशा और राजन को कुछ समय एकांत में बात करने देते है।" बुआ जी ने हंसते हुए कहा और समर्थन के लिए हम दोनों के माता पिता की ओर देखने लगी। कुछ सोच विचार के बाद हम दोनों के परिवारजनों ने हामी भर दी और फिर हम दोनों को जल्दी ही ऊपर छत के पास वाले कमरे में भेज दिया गया। इस समय महक और भाभी हमारे साथ थी और फिर हम जैसे ही कमरे के बाहर पहुंचें भाभी और महक हमें अकेला छोड़कर चले गए। हम दोनों इस