त्रिशा... - 10

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"महक!!!!!!!""बेटा महक!!!!!!" "त्रिशा को बाहर ले आओ!!!!!" मामी जी की आवाज बाहर से आई।"जी लाई!!!!!!!" उसने जवाब में कहा। "चलो चले!!!!!" वह मुझसे मुस्कुराते हुए बोली। मैं घबराई सी खड़ी हुई और बाहर की ओर चल दी।  "डरना मत त्रिशा!!!!! याद रखना कि तुम्हें क्या कहना है और क्या पूछना है राजन‌ से!!!!!! " वह चलते चलते मेरे कान में फुसफुसाई। "हम्ममममम। " मैनें उत्तर दिया क्योंकि और कोई शब्द तो मेरे मुंह से निकल ही नहीं रहे थे। हम चलते चलते नीचे उतरे तो हमें मामी और मम्मी दोनों वहीं खड़े दिखे। महक समझ  गई  कि अब यहां से अकेले उसे ही जाना है तो