नमस्कार प्रिय लेखकों/पाठकों ,यह रचना पूर्णरूपेण काल्पनिक हैं। पात्र के नाम , स्थान , रूप-रंग आदि पुराणों में किए गए वर्णन के आधार पर लिखें गए हैं। रचना में लिखें गए प्रसंगों को तथ्यात्मक न समझा जाए। किसी भी कृष्णभक्त को मेरी कल्पना से कोई ठेस पहुंचती है तो मैं हृदय तल की गहराई से क्षमाप्रार्थी हूँ। रचना मेरे मन के भाव है , श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम है। सभी से निवेदन है कि आप इस रचना का रसास्वादन भक्ति भाव से करें। किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर आप मुझें अवगत करवाये। मैं तुरन्त सुधार करूँगी।यह रचना मेरे