महाराणा साँगा की मालवा-विजय महाराणा साँगा की जय-जयकार सारे मेवाड़ में गूँज रही थी। उन्होंने सिद्ध कर दिया था कि वीर पुरुषार्थ उसके आंतरिक भावों से ही शक्ति पाता है। विजय की लालसा ने उन्हें भी इस युद्ध में बड़ी शक्ति दी। उन्होंने अपने सामंत सरदारों को विश्वास दिला दिया कि अपंगता उनके लिए कोई मायने नहीं रखती और उनका रणकौशल अभी भी अद्भुत था। धौलपुर के भव्य युद्ध की विजय ने राजपूती गौरव को और भी सज्जित कर दिया था। इस युद्ध में लोदी की शर्मनाक हार के साथ ही राजपूत सेना ने उसके कई परगने भी मेवाड़ के अधीन