आँगन से दूर

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श्रेणी:सामाजिक / भावनात्मक कहानीटैग्स:माँ-बाप, त्याग, भावनात्मक, सामाजिक, रिश्ते, सच्चाई, परिवारविवरण:यह कहानी हर उस माँ-बाप की है, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी बच्चों की खुशियों के लिए कुर्बान कर दी, और बदले में बुढ़ापे में तन्हाई पाई।"आँगन से दूर" पढ़ते हुए आपकी आँखें भर आएँगी, और आपको एक सवाल ज़रूर चुभेगा—क्या हम अपने माता-पिता के साथ सही व्यवहार कर रहे हैं?शीर्षक: "आँगन से दूर"गाँव की गलियों में सुबह-सुबह मुर्गे की बाँग सुनाई देती थी। उस छोटे से घर में रामलाल और उसकी पत्नी शांति हर दिन सूरज के साथ जागते।रामलाल खेतों में मेहनत करता और शांति घर का काम सँभालने के साथ-साथ