नागमणि - भाग 3

---नागमणि – भाग 3लेखक: विजय शर्मा एरीरात के अँधेरे में जंगल का सन्नाटा एक बार फिर टूटा। आकाश में बादल गरज रहे थे और कभी-कभी बिजली की चमक उस सुनसान जगह को पल भर के लिए उजाले से भर देती। रोहित, दिव्या और पंडित रघुनाथ मंदिर के टूटे-फूटे आँगन में खड़े थे। पंडित जी के हाथ में वह प्राचीन ग्रंथ था, जिसमें नागमणि के रहस्य और उसकी रक्षा के उपाय लिखे थे।"दिव्या बेटा," पंडित जी ने धीमी आवाज़ में कहा, "अब समय आ गया है कि तुम सच्चाई जानो। नागमणि सिर्फ़ एक रत्न नहीं, यह नागवंश की आत्मा है। जो