कुँवर जयमल का अंत बदनोर के सरदार राव सुरतान को एक गुप्तचर ने यह सूचना दे दी की कि राजकुमारी के राजसी उद्यान में एक अपरिचित युवक ने सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताकर प्रवेश किया और अंदर जाकर राजकुमारी आदि कन्याओं से अभद्रता करके भाग गया। इतना सुनते ही राव सुरतान के नेत्र क्रोध से जल उठे और वह काँपता हुआ उठ खड़ा हुआ।‘‘इतना दुस्साहस! किसने किया?’’ ‘‘ज्ञात नहीं हो सका महाराज! वह किसी राज्य का राजकुमार लगता था। उसके साथ कई और सशस्त्र सैनिक थे। उन्हीं सशस्त्र सैनिकों ने उद्यान प्रहरियों को कुछ समय के लिए बंदी बना लिया और वह