सरदार जैतमलोट का बलिदान जंगल के दक्षिणी छोर पर सेवंतरी गाँव था। इस गाँव के बाहर मारवाड़ के राजा हम्मीर द्वारा बनाया गया चतुर्भुज रूपनारायण का भव्य मंदिर था। इस मंदिर के दर्शनार्थी वर्ष भर यहाँ आते रहते थे। आज उस मंदिर के दर्शन करने मारवाड़ के राठौड़ बींदा जैतमलोट सपरिवार आए हुए थे। वे मारवाड़ में एक छोटी-सी रियासत के सरदार थे, जो मेवाड़ के ही अधीन थी। जब जैतमलोट सपरिवार दर्शन करके मंदिर से बाहर निकले तो ठिठक गए। खून से लथपथ राजसी वस्त्र पहने युवक चीखता हुआ उधर ही आ रहा था। समीप आने पर सरदार जैतमलोट चौंक