दो दुनियाओं के बीच

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समय: सन 2050स्थान: भारत का एक आधुनिक लेकिन भीड़-भाड़ से भरा शहर---भाग 1 – एक नई सुबहसुबह 7:00 बजे, खिड़की के पार सूरज की हल्की रोशनी आरव के चेहरे पर पड़ी। लेकिन उसके कमरे में रोशनी की कोई ज़रूरत नहीं थी—दीवारें खुद बदलती लाइटिंग से दिन-रात का एहसास देती थीं।कमरे के बीचों-बीच एक नीली होलोग्राफिक आकृति तैर रही थी—"सिया", उसकी AI असिस्टेंट।"गुड मॉर्निंग, आरव!"सिया की आवाज़ में एक गर्माहट थी, जैसे वो सच में इंसान हो।आरव ने जम्हाई ली—"गुड मॉर्निंग, सिया। आज का शेड्यूल?""तुम्हारे पास तीन वर्चुअल क्लासेज़ हैं, एक गेमिंग टूर्नामेंट, और शाम को मैंने तुम्हारे लिए एक नया