खून की प्यास: सुनसान सड़क का श्राप - 4

पार्ट 4 — “तहखाने का सौदा”तहखाने का अंधेरा अब और भी गाढ़ा हो चुका था। टॉर्च की हल्की-सी रोशनी सिर्फ राघव के चारों ओर गोल घेरे की तरह फैल रही थी, और उसके बाहर… बस घुप्प काला सन्नाटा।जंजीर उसके पैरों में कसती जा रही थी। ठंडी, खुरदरी धातु उसकी त्वचा को चीर रही थी, और हर खिंचाव के साथ ऐसा लग रहा था मानो कोई अदृश्य हाथ उसे अंधेरे की तरफ खींच रहा हो।वो औरत… वही सड़ी-गली शक्ल वाली… अब ठीक उसके सामने खड़ी थी। उसकी सांस बर्फ जैसी ठंडी, और आंखों में वही खून की लालिमा जो इंसान नहीं…