श्री गुरु नानक देव जी - 7

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इस यात्रा का पहला पड़ाव उन्होंने सैदपुर, जिसे अब ऐमनाबाद कहा जाता था।वहां जाकर पड़ाव किया। श्री गुरु नानक देव जी ने एक नवीन प्रकार का लिबास पहना था। और भाई मरदाने ने भी ऐसे ही विलक्षण लिबास के साथ एक विलक्षण साज़ उठाया हुआ था। जब वे चलते जा रहे थे तो श्री गुरु नानक देव जी ने देखा कि एक कारीगर अपने काम में मग्न कृषि - पालन से संबंधित औजार बनाने में मस्त है । श्री गुरु नानक देव जी वहां पर खड़े हो गए और भाई मरदाने से कहने लगे हमें आज हमारा पहला सिक्ख मिल गया