वेदांत, उपनिषद, गीता जैसी मूल शिक्षाओं की शुद्धता पर किसी भी धर्म का प्रश्न खड़ा करना कठिन है, क्योंकि उनका मूल सत्य सार्वभौमिक है। लेकिन समस्या यह है कि — इनकी गलत व्याख्या और ग़लत लोगों के हाथों में पड़ना हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा को ही संदेह के घेरे में डाल देता है। मूल शास्त्र और उनका सत्य वेदांत: अनुभव से आत्मा और ब्रह्म की एकता का बोध। उपनिषद: कर्मकांड से परे जाकर प्रत्यक्ष आत्मज्ञान का मार्ग। गीता: कर्म, भक्ति और ज्ञान का एकीकृत विज्ञान। इनका मूल मानवता, सत्य और आत्मदर्शन है —