त्रिशा... - 8

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"अच्छा????" मैनें उसे देखकर मुस्कुराते हुए कहा। "हां तो अब बताओ चलो मुझे। शुरु से शुरु करके बताओ कि क्या क्या हुआ और यह बात यहां तक कैसे आई। " उसने उत्सुकता से पूछा। "अरे कुछ नहीं हुआ। वो आज जन्मदिन था मेरा और हमारे घर में बहुत‌ दिनों से कुछ हुआ नहीं था तो मम्मी ने बोला कि चलो इसके जन्मदिन पर हम कथा करा देते है। दिन में कथा हो जाएगी और रात में यह  लोग अपनी तरह से जन्मदिन मना लेगे। "  मैनें उसे सब बताना शुरु किया। "तो इसलिए मम्मी ने मेरी चचेरी बुआ जी को कथा पर आने