️ समय: रात 12:45स्थान: वीरान बंगला — टूटी खिड़कियाँ, लहू की गंध, और झपकती रौशनी---[Raj दीवार के सहारे खड़ा है, आँखों में पागलपन झलकता है]Raj (हँसते हुए):"मार दे Roz… हाँ, मार दे! ख़त्म कर दे सबको! आज कोई नहीं बचे!"[Roz की आँखें पथरा चुकी हैं, होंठ काँप रहे हैं, हाथ में कड़ाली चमक रही है]Roz (बुदबुदाते हुए):"Raj... पहले तेरी बारी... फिर उनकी।"[Romi और Joy धीरे-धीरे पीछे हटते हैं, दोनों घबराए हुए, पर तैयार]Joy (चिल्लाते हुए):"Roz! होश में आओ! ये तुम नहीं हो!"Romi (भीगी आँखों से):"Roz… रुक जाओ! तुम पागल हो रही हो… मत करो ये सब!"[Roz एक झटके में दौड़ती