3.टीपू की अपनी गवाहीसी. नंदगोपाल मेनन(लेखक बॉम्बे मलयाली समाजम के संयोजक हैं)"अगर तुम मुझसे प्यार करते हो, तो क्या तुम्हें कभी-कभी मेरी कमज़ोरियों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए?" - ऐसा कहा जाता है कि टीपू सुल्तान ने अपने एक मंत्री मीर सादिक से पूछा था। यह टिप्पणी भगवान एस. गिडवानी ने अपने विवादास्पद उपन्यास, "द स्वॉर्ड ऑफ़ टीपू सुल्तान" में गढ़ी थी।इतिहासकारों और उपन्यासकारों की नई पीढ़ी का एक बड़ा वर्ग इस राय का है कि टीपू सुल्तान पर उपलब्ध सभी दस्तावेज़ और इतिहास की किताबें अंग्रेजों द्वारा निर्मित हैं, इसलिए उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि अंग्रेजों