Ch 9 : आत्मा संग्रहमीरा के दिल की धड़कनें अब सामान्य नहीं रहीं थीं। दर्पण कक्ष में जिन आत्माओं की परछाइयाँ उन्होंने देखीं — अरुण, साधना, सत्यनारायण और विनीत — वे अब एक आवाज़ की तरह उसके भीतर गूंज रही थीं। वे पुकार रहे थे… मुक्त होने के लिए।लेकिन पाँचवां आत्मा? उसकी पहचान अब भी रहस्य बनी हुई थी। वह कौन था जिसने उस प्राचीन अनुष्ठान में धोखा दिया था? क्या वह अब भी जीवित था? और सबसे बड़ा सवाल — क्या वह उनके आसपास ही है?तेजा ने शांत स्वर में कहा, “हमें समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। आत्माओं को