बाबर को सम्मान

उज्बेकिस्तान में जनमा जहीर-उद्-दीन मुहम्मद बाबर (1483-1530), जो सामूहिक हत्यारे तामेरलेन (तैमूर) का प्रत्यक्ष वंशज था, भारत में मुगल वंश का संस्थापक था और वर्ष 1526 से 1530 तक भारत का पहला मुगल बादशाह था। बाबर की आत्मकथा ‘तुज्क-ए-बाबरी’ उत्तर-पश्चिम भारत में बाबर के उस अभियान के बारे में बताती है, जिसमें उसने बड़ी संख्या में हिंदू व सिख नागरिकों की हत्या की तथा छोटी पहाड़ियों पर काफिरों की खोपड़ियों की मीनारों का निर्माण किया। इसके अलावा, ‘बाबरनामा’ में भी हिंदू व सिखों के गाँवों और कस्बों में हुए नर-संहार को दर्ज किया गया है। गुरु नानक बाबर के समकालीन थे,